
स्मार्ट मीटर को बिजली विभाग आधुनिक तकनीक और पारदर्शिता के नाम पर घर-घर लगा रहा है, लेकिन इसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी, हरियाणा जैसे राज्यों से लगातार गलत रीडिंग, बढ़े हुए बिजली बिल, और उपभोक्ता उत्पीड़न की शिकायतें आ रही हैं।
राजस्थान: बिलों में बढ़ोतरी और विरोध
राजस्थान के बाड़मेर, झुंझुनू और जोधपुर जैसे इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद उपभोक्ता बिल बढ़ने से परेशान हैं। कई उपभोक्ताओं ने बताया कि पहले उनका बिल 1500 रुपए आता था, जो अब 3000 से 27000 रुपए तक पहुंच गया। नांदड़ी (जोधपुर) में उपभोक्ताओं ने डिस्कॉम कार्यालय का घेराव किया।
मध्यप्रदेश: विदिशा और ग्वालियर में 68 लाख का बिल,
107 केस विदिशा में एक ही दिन में 107 उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर से बिल गड़बड़ की शिकायतें आईं। एक केस में उपभोक्ता का बिजली बिल 68 लाख रुपये आया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। अफसर खुद चौंक गए और बोले: “यह कैसे हुआ, हमें नहीं पता।”
गुना: स्मार्ट मीटर से पहले 500 का बिल, अब 27,000 तक
गुना में 400–500 रुपये का बिल देने वालों का बिल स्मार्ट मीटर के बाद 8 हजार से 27 हजार तक पहुंच गया। लोगों ने कहा:
“अगर लाइट काटने कोई आएगा तो सर फोड़ देंगे।” उपभोक्ता बोले:
“Adani लगा रही मीटर, सरकार के नाम पर।”
बिजली विभाग का रवैया भी सवालों के घेरे में
📢 सवाल उठते हैं:
क्या स्मार्ट मीटर वास्तव में पारदर्शिता ला रहे हैं या जनता को उलझा रहे हैं? जब सभी शिकायत कर रहे हैं, तो क्या सभी गलत हैं? क्या सरकार और बिजली विभाग इस बढ़ते रोष को नजरअंदाज कर सकते हैं?
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