
- औपचारिक स्वीकृति: केंद्र सरकार की कैबिनेट ने 16 जुलाई 2025 को इस योजना को मंजूरी दी है
- समयावधि: वित्त वर्ष 2025–26 से शुरू होकर अगले 6 वर्षों (2030–31 तक) चलेगी
- जिले शामिल: देश के 100 ऐसे चुनिंदा जिलों में लागू होगी, जहाँ:
- कृषि उत्पादन कम है
- फसलों की घेहराई कम है
- क्रेडिट प्राप्ति कम हुई है
(प्रत्येक राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश से कम से कम एक जिले का चयन होगा)
- लाभार्थी: लगभग 1.7 करोड़ छोटे और सीमांत किसान सीधे लाभान्वित होंगे
- वार्षिक बजट: हर साल ₹24,000 करोड़ का प्रावधान, कुल मिलाकर 6 वर्ष में ₹1.44 लाख करोड़ तक खर्च होने की उम्मीद
मुख्य उद्देश्य
- कृषि उत्पादन बढ़ाना — आधुनिक खेती तकनीक, बेहतर बीज और कृषि विस्तार सेवाओं के माध्यम से।
- फसल विविधीकरण — दलहन, तिलहन, बागवानी आदि को बढ़ावा देकर पानी की बचत और आय वृद्धि।
- फसल उपरांत संरचना — पंचायत/ब्लॉक स्तर पर गोदाम, ड्राइंग यार्ड, कूल चेन व्यवस्था का विकास।
- सिंचाई सुधार — माइक्रो-इरिगेशन, जल संरक्षण, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार।
- कृषि ऋण सुविधा — किसान क्रेडिट कार्ड आदि के जरिये सस्ते और समय पर लोन की सुविधा ।
⚙️ कार्यान्वयन ढांचा
- संकेन्द्रित दृष्टिकोण: NITI Aayog के “Aspirational District” मॉडल से प्रेरित, जिला स्तर पर ही योजनाएँ बनाई जाएँगी।
- 36 केंद्रीय स्कीम्स का समन्वय: 11 मंत्रालयों की मौजूदा योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा।
- नियोजन एवं निगरानी:
- जिला धन‑धान्य समिति: जिला कलेक्टर, किसानों एवं विभागों के प्रतिनिधियों के साथ योजना तैयार करेंगे।
- राज्य व राष्ट्रीय समिति: राज्य-वस्तु एवं केंद्र में समन्वय हेतु।
- डैशबोर्ड निगरानी: 117 KPIs द्वारा मासिक समीक्षा हेतु सिस्टम।
- NITI Aayog तथा केंद्रीय नोडल अधिकारी: मंजूरी देने व मार्गदर्शन हेतु जिम्मेदार।
📺 वीडियो संक्षेप
नीचे DD News द्वारा प्रकाशित एक Video Link है जिसमें योजना की कमजोर उत्पादन वाले जिलों में तकनीकी हस्तक्षेप, सिंचाई व बुनियादी ढांचे की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है:
Cabinet approves PM Dhan‑Dhaanya Krishi Yojana – DD News
✅ निष्कर्ष
“प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना” एक स्पष्ट, केंद्रित और डाटा‑चालित कदम है जहाँ:
- पारदर्शी जिला-स्तरीय योजनाएं होंगी।
- 36 केंद्रीय योजनाओं में सामंजस्य आएगा।
- तकनीकी, वित्त एवं इन्फ्रास्ट्रचर सभी का समेकित उपयोग होगा।
- लगभग 1.7 करोड़ किसानों की आय और कृषि स्थायित्व को बढ़ावा मिलेगा।
यदि आपको योजना से जुड़े किसी पक्ष — जैसे चयन प्रक्रिया, आवेदन फॉर्म, को-फंडिंग मॉडल, या लाभ वितरण — पर विशेष जानकारी चाहिए तो कृपया बताएं, मैं और गहराई से स्पष्ट करूँगा।