📅 तिथि: 16 जुलाई 2025
📍 स्थान: नई दिल्ली
🗞️ स्रोत: PIB Delhi देश की कृषि व्यवस्था को समग्र रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंजूरी दी है।

यह ऐतिहासिक योजना वर्ष 2025-26 से शुरू होकर अगले छह वर्षों तक 100 चिन्हित जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को स्वीकृति प्रदान की गई।
🎯 योजना का उद्देश्य और विशेषताएं
इस योजना का उद्देश्य केवल उत्पादन वृद्धि नहीं, बल्कि कृषि क्षेत्र में समग्र सुधार लाना है, विशेष रूप से उन जिलों में जहां:
- कृषि उत्पादकता कम है
- फसल सघनता कम है
- किसानों को ऋण की सुलभता सीमित है
प्रमुख लक्ष्य:
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि
- फसल विविधीकरण को बढ़ावा
- टिकाऊ व जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा
- भंडारण और सिंचाई सुविधाओं में सुधार
- ऋण की आसान उपलब्धता
- स्थानीय स्तर पर आजीविका के अवसर सृजन
योजना की विशेषताएं:
- नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित
- 36 केंद्रीय योजनाओं का समन्वय (11 मंत्रालयों के माध्यम से)
- प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला चयनित
- जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी समितियाँ
- 117 प्रमुख संकेतकों पर नियमित मूल्यांकन
- प्रत्येक जिले में केंद्रीय नोडल अधिकारी की नियुक्ति
- योजनाएं राष्ट्रीय कृषि लक्ष्यों के अनुरूप बनाई जाएंगी – जैसे प्राकृतिक खेती, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य आदि
💰 वित्तीय पहलू
सरकार ने इस योजना के तहत हर वर्ष ₹24,000 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रकार छह वर्षों में कुल ₹1.44 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा, जो देश की कृषि व्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
♻️ सहायक निर्णय: हरित ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश
कृषि क्षेत्र के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार ने दो प्रमुख सार्वजनिक उपक्रमों को बड़े निवेश की मंजूरी दी है:
🔹 एनटीपीसी (NTPC) को ग्रीन एनर्जी में ₹20,000 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति मिली है।
🔹 एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को ₹7,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार की स्वीकृति दी गई है।
यह दोनों निवेश भारत को ऊर्जा क्षेत्र में हरित क्रांति की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होंगे।
🔍 योजना से अपेक्षित प्रभाव
- कृषि उत्पादन में गुणात्मक और मात्रात्मक वृद्धि
- कटाई के बाद मूल्य संवर्धन
- स्थानीय स्तर पर रोज़गार सृजन
- किसानों की आमदनी में सुधार
- आत्मनिर्भर भारत अभियान को सशक्त समर्थन
इन सौ जिलों में लागू की जा रही योजनाएं स्थानीय बदलाव लाने के साथ-साथ राष्ट्रीय कृषि संकेतकों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।
✅ निष्कर्ष
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ केवल एक योजना नहीं, बल्कि भारत के अन्नदाताओं के जीवन में बदलाव लाने का क्रांतिकारी प्रयास है। इससे न केवल किसान सशक्त होंगे, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा, पर्यावरणीय संतुलन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।